जर्मन पैटर्न की स्टडी कर डीएसटी की दिशा में आगे बढ़े इंडस्ट्रीज मंडलायुक्त

आईटीआई संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यशाला
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2025-04-04 18:15:06

गुरुग्राम । दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली के अंतर्गत गुरुग्राम मंडल में आईटीआई प्रशिक्षुओं के लिए बेहतर कार्यशाला अवसरों का निर्माण करने के उद्देश्य से शुक्रवार को गुरुग्राम में मंडल स्तरीय किक ऑफ वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मंडलायुक्त रमेश चंद्र बिधान की अध्यक्षता में यह वर्कशॉप पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में एसडीआईटी हरियाणा से अतिरिक निदेशक(तकनीकी) राज कुमार व गुरुग्राम मंडल की विभिन्न आईटीआई के प्राचार्य व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंडलायुक्त रमेश चंद्र बिधान ने कहा कि सभी इंडस्ट्रीज जर्मन पैटर्न की स्टडी कर डीएसटी की दिशा में आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि अगर कोई औद्योगिक संस्थान ऐसा करता है तो कोर्स पूरा होने के पहले दिन से ही उस संस्थान को ‘जॉब रेडी’ कर्मचारी मिलना तय है। मंडलायुक्त ने कहा कि आईटीआई संस्थानों में पढ़ाई के दौरान थ्योरी के साथ साथ प्रैक्टिकल नॉलेज का होना जरूरी है, लेकिन इसके लिए संस्थानों में स्थापित प्रैक्टिकल लैबों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी औधोगिक इकाइयों की माँग के अनुरूप दक्ष हो , इसके लिए औधोगिक इकाइयों को उनके साथ रेगुलर कमर्चारी की तरह व्यवहार करने के बजाय एक प्रशिक्षु की तरह उनको सिखाने की प्रक्रिया पर बल देना चाहिए। मंडलायुक्त ने कहा कि औद्योगिक संस्थान डीएसटी विद्यार्थियों को अपनी इकाई की सभी लाइन्स पर प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करें ताकि प्रशिक्षण के उपरांत उसे उसकी कार्यक्षमता के अनुरूप उसी संस्थान में प्लेसमेंट दी जा सके। मंडलायुक्त ने कहा कि दोहरी शिक्षण प्रणाली से संबंधित सभी आईटीआई को निर्देश दिए कि वे इस प्रणाली से संबंधित सभी विद्यार्थियों को पांच साल तक ट्रैक जरूर करे, ताकि इस प्रणाली के निर्धारित लक्ष्यों के आंकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों ने अप्रेंटिसशिप के उपरांत कितने विद्यार्थियों को अपने यहां प्लेसमेंट दी। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि आईटीआई प्रिंसिपल किसी भी इंडस्ट्री के साथ एमओयू साइन करने से पूर्व उस इंडस्ट्री की कार्यक्षमता व संस्थान से दूरी अवश्य चेक करें ताकि विद्यार्थी के मनोबल में किसी प्रकार की कमी ना आए। कार्यशाला में हरियाणा कौशल प्रशिक्षण और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के सहायक निदेशक मनोज सैनी ने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली अपनाने की वजह और इसके लाभ गिनाते हुए बताया कि इस प्रणाली के तहत औद्योगिक इकाइयों को कौशल युक्त कर्मचारी मिलने में सहायता मिलने के साथ ही उन्हें नए कर्मचारियों की ट्रेनिंग पर होने वाले ख़र्चों से भी राहत मिलेगी। इस दौरान उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष की दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि हरियाणा में इस वर्ष विभिन्न जिलों में 50 ट्रेडों के तहत 73 आईटीआई से 258 इंडस्ट्रीज में 10 हजार से अधिक आईटीआई विद्यार्थियों को ट्रेनिंग का लाभ मिला है। कार्यशाला के अंत में दोहरी शिक्षण प्रणाली के तहत विभिन्न औद्योगिक संस्थानों ने संबंधित आईटीआई के साथ 12 एमओयू भी साइन किए। कार्यशाला में औधोगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों से भी दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली में सुधारों के लिए सुझाव मांगे गए। इस अवसर पर गुरुग्राम आईटीआई के प्राचार्य जयदीप कादयान सहित विभिन्न आईटीआई व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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