अपनी पंचायत को स्वावलंबी बनाने के लिए करें विचार श्रीमती कामना सिंह

जिले के प्रभारी मंत्री तथा मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास,
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2025-04-09 23:36:41

जिले के प्रभारी मंत्री तथा मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल के मुख्य आतिथ्य में पंच, सरपंच सम्मेलन उन्मुखीकरण कार्यक्रम कम्युनिटी हॉल मेला ग्राउण्ड भिण्ड में आयोजित किया गया। इस दौरान विधायक भिण्ड श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह भदौरिया, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह नरवरिया, कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत श्री सुनील दुबे सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं पंच, सरपंच उपस्थित रहे। प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद पटेल द्वारा पंच, सरपंच सम्मेलन उन्मुखीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रभारी मंत्री तथा मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने संबोधित कर कहा कि पंच, सरपंच वो संवाद है जो हमें सामर्थ्य देगा और हमारे सामर्थ्य से राज्य और देश यशस्वी बनेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई व्यवस्था ही सबसे ऊपर होती है। त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में अधिकारों और कर्त्तव्यों का सामंजस्य आवश्यक है। पंचायत पदाधिकारी संवाद, समन्वय और संपर्क का उपयोग कर बेहतर कार्य करें। किसी के प्रति कटुता का भाव न हो। प्रभारी मंत्री श्री पटेल ने कहा कि केवल निर्माण कार्य करना ही पंचायत का काम नहीं है हमें लोगों की विचार प्रणाली को भी बदलना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे आप सभी अपना परिवार चलाते हैं, अगर उसी प्रकार अपनी पंचायत को चलाएंगे तो विकास जरूर होगा। विधायक भिण्ड श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने कहा कि पंचायत हमारी इकाई होती है, अगर हमें विकास करना है तो पंच, सरपंचों को जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सड़क, पानी, नाली जैसी छोटी-छोटी जो समस्याएं होती हैं, ऐसी सभी समस्याओं का निदान सरपंच बड़ी आसानी से कर सकता है। हम सबका ये दायित्व बनता है कि हमारी पंचायत में क्या-क्या समस्याएं हैं और उनका समाधान कैसे हो अगर हम समय-समय पर पंच, सरपंच की बैठक ठीक प्रकार से होने लगेंगी तो समस्याओं का समाधान हो सकता है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह भदौरिया ने कहा कि कई संसाधनों की कमी की वजह से हमारे मन में ये आता है कि जो हमें कार्य करना है वो हम नहीं कर पाते हैं। लेकिन संसाधनों की समस्या हर जगह रहती है पर उससे ऊपर उठकर भी हमें ये देखना है कि हम अपनी पंचायतों के लिए क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए नया सत्र शुरू हो रहा है तो हमारा पहला कर्तव्य यही है कि हम यह सुनिश्चित करें कि जो बच्चे छूट रहे हैं, जिनका एडमिशन नहीं हो पा रहा है तो किस प्रकार से हम उन बच्चों को स्कूल के लिए प्रेरित करें और उन बच्चों का दाखिला हम स्कूल में करवाएं। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु आ रही है तो जल की समस्या बढ़ेगी तो हमारा दायित्व बनता है कि हम अपनी पंचायत में कैसे इस समस्या को दूर कर सकते हैं। हमें यह सोचना है कि हम कैसे अपनी पंचायत को स्वावलंबी बना सकते हैं।

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