2024-09-23 20:25:07
नई दल्ली: चौहान अनिल -अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का किया गया भव्य आयोजन! दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अधीनस्थ संस्था भारतीय सांकेतिक भाषा एवं अनुसंधान केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने आज डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस वर्ष के सांकेतिक भाषा दिवस का मुख्य विषय सांकेतिक भाषा अधिकारों के लिए हम सभी देशवासी समर्थन करें रखा गया है।इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, बी.एल. वर्मा ने किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव, राजेश अग्रवाल थे। कार्यक्रम में राज्य मंत्री द्वारा विभिन्न नई पहलों का शुभारंभ किया गया, जिनका उद्देश्य बधिर समुदाय के लिए शिक्षा और सशक्तिकरण के अवसरों को और अधिक समावेशी बनाना है।जिसके मुख्य बिंदु इस प्रकार से हैं,कक्षा 6 के लिए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों पर आईएसएल में 100 आधारभूत संकल्पना वीडियो का शुभारंभ।10 विभिन्न भाषाओं के साथ आईएसएल शब्दकोश का लोकार्पण भारतीय साइनिंग हैंड्स द्वारा विकसित बधिर रोल मॉडल वीडियो का अनावरण।सभी आयु वर्ग के बच्चों के लिए आईएसएल में सुगम्य शैक्षिक कहानियों का लोकार्पण।एस डब्ल्यूएएएस प्लेटफार्म पर 25 राष्ट्रीय संस्थानों/समेकित क्षेत्रीय केंद्रों और मंत्रालय की वेबसाइट का शुभारंभ।अपने संबोधन में, केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा, केंद्र सरकार दिव्यांग समुदाय के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है। सांकेतिक भाषा सिर्फ बधिर समुदाय की भाषा नहीं है, बल्कि इसे जन-जन की भाषा बनाकर समाज को और समावेशी बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बधिर समुदाय की समृद्धि के लिए सांकेतिक भाषा के व्यापक उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। राज्य मंत्री श्री बी.एल वर्मा ने कहा कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों के अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है, उन्हें मंच प्रदान किया जाए तो अपनी प्रतिभा से वह संपूर्ण विश्व को अचंभित कर देंगे। पेरिस 2024 में आयोजित पैरालंपिक में हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने इस बात को साबित भी किया है। इस पैरालंपिक में इतिहास रचते हुए हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने 29 पदक प्राप्त किए। दिव्यांग समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने से हमारा देश भी आगे बढ़ेगा और प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करेगा। इस अवसर पर सचिव, राजेश अग्रवाल ने कहा कि बधिर बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह जरूरी है कि उनके माता-पिता और समाज के लोग सांकेतिक भाषा सीखें और उसका प्रयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक और अंग्रेजी शिक्षा बधिर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम के दौरान एआईएफडीडब्ल्यू,की प्रमुख, उमा कपूर और आई डी बी , उषा पंजाबी ने भी अपने विचार साझा किए और सांकेतिक भाषा के महत्व और इसके विकास पर जोर दिया।इस आयोजन में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजीव शर्मा, आईएसएलआरटीसी के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति और बधिर समुदाय के छात्र, शिक्षक, और उनके अभिभावक भी उपस्थित थे।