2024-12-23 16:03:15
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने यूपीएससी धोखाधड़ी मामले में बर्खास्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) प्रशिक्षु पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उन पर फर्जी पहचान दिखाकर यूपीएससी परीक्षा में स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयास का धोखाधड़ी से लाभ उठाने का आरोप है। उच्च न्यायालय ने कहा कि खेडकर द्वारा उठाए गए कदम सिस्टम में हेरफेर करने की बड़ी साजिश का एक हिस्सा था।न्यायमूर्ति सिंह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह अदालत प्रथम दृष्टया संतुष्ट है कि एक मजबूत मामला बनाया गया है और उक्त आचरण एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जिसका खुलासा केवल तभी किया जा सकता है जब जांच एजेंसी को जांच करने का विकल्प दिया जाए। याचिकाकर्ता (खेड़कर) द्वारा उठाए गए कदम सिस्टम में हेरफेर करने की बड़ी साजिश का हिस्सा थे और अगर उन्हें अग्रिम जमानत दी गई तो जांच प्रभावित होगी। केंद्र ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अधिक प्रयासों का लाभ उठाने के लिए अपनी पहचान फर्जी बनाने के आरोप में खेडकर को आईएएस से बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, खेडकर को उनके खिलाफ जांच पूरी होने के बाद छुट्टी दे दी गई - एक शब्द जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब एक परिवीक्षाधीन अधिकारी को बर्खास्त कर दिया जाता है। खेडकर पर आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के वकील और शिकायतकर्ता संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के वकील ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत की याचिका का विरोध किया।