महाराष्ट्र पुणे के एक भव्य कार्यक्रम बीसवें दिव्य कला मेला में दिव्यांगजन बच्चों के लिए किया गया 2 करोड रुपए का ऋण स्वीकृत

दिव्य कला मेला में किया गया 2 करोड़ रूपये का ऋण स्वीकृत, पुणे में हुआ बीसवें दिव्य कला मेला का आगाज दृष्टिबाधित तथा टैलेंटेड बच्चे प्रथमेश द्वारा मोटिवेशनल स्पीच के जरिए समाज को दिया गया
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2024-09-30 14:27:07

नई दिल्ली(चौहान अनिल): दिव्य कला मेला में किया गया 2 करोड़ रूपये का ऋण स्वीकृत, पुणे में हुआ बीसवें दिव्य कला मेला का आगाज दृष्टिबाधित तथा टैलेंटेड बच्चे प्रथमेश द्वारा मोटिवेशनल स्पीच के जरिए समाज को दिया गया जागरूकता का संदेश! महाराष्ट्र पुणे;-दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पीडब्ल्यूडी ग्राउंड में दिव्यांगजन के लिए राष्ट्रीय स्तर का मेला लगाया गया है। इस मेले का भव्य उद्घाटन बीते शनिवार को राज्यपाल, महाराष्ट्र सी.पी.राधाकृष्णन एवं डॉ. वीरेंद्र कुमार केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सांसद रंग अप्पा बार्ने की गरिमा में उपस्थिति में किया गया। दिव्यांगजन के लिए देश भर में लगाए जा रहे राष्ट्रीय स्तर का मेलों को दिव्य कला मेला का नाम दिया गया है। देश के 19 के सफल आयोजन के बाद पुणे में यह आयोजन किया गया है। आने वाले समय मे देश के अन्य बड़े शहरों में भी ऐसे मेले आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इन सभी राष्ट्रीय मेलों में कुछ स्टॉल लोकल दिव्यांगजन के लिए भी रखे जाते हैं। पुणे मेले में भी महाराष्ट्र के दिव्यांगजन को प्राथमिकता दी गई है। इस मेले के जरिए भारत सरकार के निगम नेशनल दिव्यांगजन फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कार्पोरेशन की योजनाओं के तहत 2 करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृत किए गए । कुछ दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल भी वितरित की गई। गौरतलब है कि यह मेला दिव्यांगजन को उद्यमी और शिल्पकार के रूप में विकसित करने तथा उन्हें विकास का मौक़ा देने की कोशिश है। इस तरह के मेलों और प्रदर्शनियों में दिव्यांगजनों को स्टॉल नि:शुल्क आवंटित किये जाते हैं ताकि अपनी प्रतिभा को बड़े शहर और बड़े मंच में प्रदर्शित कर सके। इस मेले में लगभग 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक दिव्यांग कारीगर / उद्यमी और कलाकार अपने उत्पादों, कौशल और हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं । इस मेले में देश भर के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद लिया जा सकता है और प्रतिदिन शाम को 6 से 9 बजे तक राष्ट्रीय स्तर के दिव्यांग कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों के दिव्यांगजन तथा पुणे शहर के स्थानीय कलाकारों द्वारा भी मेले के मंच पर प्रस्तुतियां दी जाती हैं। इस मेले के उद्घाटन समारोह में पुणे शहर के दृष्टि बाधिततथा टेलेंटेड बच्चे प्रथमेश ने मोटीवेशनल स्पीच के जरिए समाज को संदेश दिया ।भारत सरकार के निगम नेशनल दिव्यांगजन फाइनैंस एंड डेवल्पमेंट कार्पोरेशन को इस मेले की नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस मेले के ज़रिए दिव्यांगजन की सृजनात्मक प्रतिभा को उभारने तथा उनके आर्थिक सशक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। दिव्य कला मेले के बारे में केन्द्रीय मंत्री डोक्टर वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि इस मेले के ज़रिए दिव्यांगजन के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की जा रही है। दिव्य कला मेला दिव्यांगजनों के कौशल,सृजनशीलता और क्षमता को प्रदर्शित करने का एक अनूठा मंच है। इन मेलों से जहां दिव्यांगजनों की भागीदारी को बढ़ावा मिलता है,वहीं उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का द्वार भी खुलता है। उन्होंने बताया कि अब तक देशभर में 19 विभिन्न स्थानों पर आयोजित हो चुके इनमेलों में लगभग 1450 प्रतिभागियों ने भाग लिया है और दिव्यांग उद्यमियों ने लगभग11.5 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की है दिव्यांग उद्यमियों के व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु 10 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण भी स्वीकृत किए गए हैं।दिव्य कला मेले के साथ अब रोजगार मेलों का भी आयोजन भी किया जा रहा है। लगभग 1400 प्रतिभागियों में से 370 को शॉर्टलिस्ट किया गया है और 100 से अधिक को रोजगार के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। निकट भविष्य में दिव्यांगजनों को प्रतिष्ठित संगठनों,संस्थानों और कंपनियों में रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के समावेशी विकास और एक सशक्त समाज के निर्माण हेतु हम इन प्रतिभाशाली दिव्यांग उद्यमियों और कलाकारों की प्रतिभा को सराहें और उनका सम्मान करें।इस दिव्य कला मेले में कुल 60 स्टॉल लगाए गए हैं और दिव्यांग कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। दिव्यकला मेला के ब्रांड नेम से देश भर में राष्ट्रीय स्तर के मेले आयोजित किए जा रहे हैं। ये मेले हुनरमंद दिव्यांगजन की क़ाबलियत को देश और दुनिया के सामने ला रहे हैं।उन्होंने एनडीएफडीसी द्वारा दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु एनडीएफडीसी द्वारा चलाई जा रही आर्थिक सशक्तिकरण की योजनाओं के बारे में भी बताया।निगम की योजनाओं केतहत दिव्यांगजन को विभिन्न आय सृजन गतिविधियों के लिए पचास हज़ार रूपये से पचास लाख रूपये तक के ऋण प्रदान किए जाते है। ये ऋण 4% सालाना से 9%की ब्याज दर पर उपलब्ध कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि निगम अपनी ऋण योजनाओं को विभिन्न राज्यों में मौजूद अपनी स्टेट चैनेलाइजिंग एजेंसियों, पंजाब नेशनल बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ज़रिए अमली जामा पहनाता है। दिव्यांग उद्यमियों,शिल्पकारों और कलाकारों का यह राष्ट्रीय मेला 6 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। इस मेले में सभी के लिए एंट्री फ्री रखी गई है। 06 अक्तूबर 2024 को देश भर से आए दिव्यांग कलाकारों द्वारा दिव्य कला शक्ति नामक अनूठा कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा जिसकी प्रस्तुति आप सबका मन मोह लेगी।इस मेले में दिव्यांगजन के लिए रोजगार मेला भी आयोजित किया गया है।मेले के समारोह में एंकरिंग भी दृष्टिबाधित कलाकार राजीव रंजन द्वारा की गई । मेले का धन्यवाद ज्ञापन नवीन शाह, सीएमडी, एनडीएफडीसी द्वारा किया गया।

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